नई पुस्तकें >> आँख भर उमंग आँख भर उमंगराजेश कुमार व्यास
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"धरती और धरोहरों के पार : एक दशक की आत्मीय यात्राएँ"
प्रस्तुत यात्रा – वृत्तांत में लेखक द्वारा बीते लगभग एक दशक में देशभर में उनके द्वारा की गई यात्राओं का बेहद रोचक और कवित्वपूर्ण विवरण दिया गया है। इस व्यापक यात्रा-क्रम में यात्राकार कभी तो चंबलों के बीहड़ों की खाक छानता है तो कभी नालंदा के खंडहरों में अपनी पदचाप छोड़ता है इसी तरह, विश्वकवि टैगोर की हवेली और उनके सपनों के शिक्षाकेंद्र ‘शांतिनिकेतन’ के मौन से साक्षात्कार करता है। शिव की भक्ति लेखक को नर्मदा की सैर कराती है तो साथ ही बुद्ध की शरण में भी ले जाती है।
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